Jodhpur (Rajasthan). जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी जोधपुर (JNVU) में छात्रसंघ चुनाव (Student Union Election) का माहौल पूरे उफान पर है छात्र नेताओं के साथ साथ राजनीति के महारथी भी इसमें कूद पड़े है। एक तरफ वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) तो दूसरी तरफ रविंद्र सिंह भाटी (Ravindra Singh Bhati) ने चुनावी प्रचार (JNVU Jodhpur Election 2022) की कमान संभाल रखी है। बुधवार को रविंद्र सिंह भाटी ने वैभव गहलोत के नाम से अपने फेसबूक अकाउंट पर एक खुला पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने अरविंद सिंह भाटी (Arvind Singh Bhati) का टिकट कटवाने से लेकर प्रशासन का दुरुपयोग करने का हवाला दिया है।
रविंद्र सिंह ने लिखा है कि तमाम कोशिशों के बावजूद अरविंद सिंह भाटी को छात्रसंघ अध्यक्ष बनने से रोक नहीं पाएंगे। उन्होंने शायरी लिखकर वैभव गहलोत को चेताया है।
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं
JNVU Jodhpur Election 2022: Ravindra Singh Bhati’s open letter to Vaibhav Gehlot
आदरणीय बड़े भाई वैभव गहलोत जी सस्नेह नमस्कार,
हमें पूरी आशा और उम्मीद है कि आप स्वस्थ है और अपने दैनिक कार्यों में व्यस्त है। जैसा कि हम सबको विदित है कि हमारे प्रदेश में दो साल के अंतराल के बाद छात्रसंघ के चुनाव आगामी दिनों में संपन्न होने वाले हैं। छात्र राजनीति को मुख्य राजनीति के एक प्रवेश द्वार के रूप में देखा जाता है। छात्र राजनीति वह दर्पण है जिसमे मुख्य धारा की राजनीति अपना स्वरूप दिखाती है। सार्वजनिक जीवन में होने के कारण हम दोनो एक दूसरे से अच्छी तरीक़े से परिचित है और हमारे आपसी संबंध हमेशा मधुर रहे है। परंतु आज ये जानकर बहुत दुःख होता है कि आपने इन छात्रसंघ चुनावों को जानबूझकर अपनी प्रतिष्ठा का विषय बना लिया और एक तरफ़ का पक्ष लेने व पूरे प्रशासन का दुरुपयोग करने पर भी आप उतारू हो गए है। मैंने एक छात्र के रूप में जब छात्र राजनीति में प्रवेश किया था तब मेरे सामने जो पहले प्रेरणा स्त्रोत थे वो आपके पिताजी और हमारे प्रदेश के मुखिया आदरणीय अशोक गहलोत साहब ही थे। लेकिन आज ये जानकर बहुत दुःख होता है कि आप चार लोगों के या यूँ कहे सिर्फ़ दो लोगों के बहकावे में आकर कही ना कही मारवाड़ के गांधी द्वारा स्थापित राजनीतिक मूल्यों को ख़तरे में डाल रहे है। हाल में घटित कुछ घटनाक्रम ये साबित करने को काफ़ी है कि आपने संकीर्णता का परिचय दिया है। स्वच्छ राजनीति को ऐसे कार्य दागदार राजनीति बनाने का काम करते है।
अरविंद सिंह भाटी का टिकट NSUI से कटवाया
सबसे पहले NSUI का टिकट जो भाई के लिए तय हो गया था और उस पर प्रभारी के साइन तक हो गए थे परंतु आपने पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष के दबाव में आकर अपने व्यक्तिगत अप्रोच का इस्तेमाल किया और संगठन के निर्णय को दरकिनार करते हुए उनका टिकट कटवा दिया। यह साबित करता है कि आपने युवराज की भांति विशेषाधिकार का उपयोग किया लेकिन यह द्वेष यही नहीं रुका और आपका सहारा लेकर पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष ने देवासी, ब्राह्मण, माली और छत्तीस क़ौम से जो भी मजबूत उम्मीदवार तैयारी कर रहे थे उन सबको दबा दिया जैसा कि आमजन में सुनने को मिलता है। हद तो तब हो गयी जब उनको सर्किट हाउस में बुला कर उनका अपमान किया गया। ये सच आज आमजन तक पहुँच गया है। यह वह सच है जो आपकी नैय्या को डुबाकर रख देगा।
अन्य छात्रसंघ प्रत्याशियों के चुनाव कार्यालय बंद करवाए
इस घटनाक्रम के बाद जब आपको अहसास हुआ कि अरविंद सिंह आपके उम्मीदवार पर भारी पड़ रहा है तो आपने अपने कमजोर प्रत्याशी को मजबूत बनाने के लिए अन्य प्रत्याशीयों के कार्यालय बंद करवा दिए। बेक़ाबू प्रशासन ने ना सिर्फ़ कार्यालय बंद करवाए बल्कि वहाँ बैठे कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट की और उनका खाना तक फिकवा दिया। आपने सत्ता का बेजा दुरुपयोग करके गाड़ियाँ ज़ब्त करवा दी लेकिन याद रखिए युवराज साहब ये छात्र नेता के भेष में घूम रहे ये कुछ लोग द्वेष से भरे है और एक मदमस्त हाथी की तरह पक्ष और विपक्ष नही देखते। कहीं ऐसा न हो यह घटनाक्रम आपके भविष्य में खलल डाल दे। अरविंद सिंह आपके सामने चुनौती थी और आपने जो किया वो एक बार समझ में भी आता है परंतु आपने बाक़ी को भी नहीं बख्शा। पुलिस की लाठी के दम पर आपने अन्य प्रत्याशीयों का मनोबल तोड़ने की कोशिश की जो समझ से बाहर है। आपने लगातार सत्ता और प्रशासन को जूती की नोक के नीचे रखा और इसका दुरुपयोग राजनीति में जातीय द्वेष बढ़ाने के लिए किया।
पोलिंग बूथों में बदलाव किया
जब आप अपनी सारी ताकत लगा देने के बाद भी अपने मंसूबे में सफल नहीं हुए तो आप ने अनैतिकता की सारी हदें एक एक करके पार कर दी। आपने इस बार एक नया दाव खेला, पोलिंग बूथों में बदलाव। चुनाव से ठीक पहले कोमर्स फ़ैकल्टी के बूथ को बिना किसी आधार के उसकी जगह को बदल दिया ताकि मतदाता कन्फ़्यूज़ हो जाए और वोट नहीं दे पाए। ये सब करने से पहले एक बार भी विचार नहीं किया कि कामर्स फ़ैकल्टी में मुख्यतः जो मतदाता है वो ओल्ड सिटी से आता है ओल्ड कैम्पस पास होने की वजह से उनको मतदान करने में आसानी होती थी परंतु अब मतदान केंद्र को बहुत ज़्यादा दूरी पर रख दिया गया जिससे वो मतदान वाले दिन ना पहुँच पाए। साथ ही ग्रामीण इलाक़ों से आने वाला छात्र भी अपना मत नहीं दे पाएगा। ये सब आपके उस सलाहकार की सलाह पर हुआ जो पूरे शहर में आपके नाम से चंदा इकट्ठा कर रहा है। चुनाव से ठीक पहले अरविंद के मुख्य वोट बैंक को तोड़ने की ये साज़िशें सिर्फ़ इस लिए हो रही है कि कैसे भी आपका उम्मीदवार जीत जाए।
रविंद्र सिंह भाटी को गिरफ्तार करवाया
ये सब यहीं नहीं रुका। जब पोलिंग बूथों में बदलाव के विरोध में रविंद्र सिंह भाटी ने धरना दिया तो आपको लगा की आपकी साज़िशें जगज़ाहिर हो जाएँगी तो आपने इस बात को दबाने के लिए आनन-फ़ानन में रविंद्र सिंह भाटी को गिरफ़्तार किया परंतु जब लोग रविंद्र के समर्थन में उतरे तो आपने तुरंत रिहा कर दिया ताकि आपकी टीम के ग़लत इरादे किसी को पता ना चले।
ABVP के उम्मीदवार का नामांकन रद्द करवाने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया
इतना सब होने के बाद भी जब आपको लगा कि NSUI प्रत्याशी की हार अब भी हो रही है तो आपने ABVP के उम्मीदवार का नामांकन रद्द करवाने के लिए पूरा ज़ोर लगा दिया। आप और पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सहित सभी दिन रात इसी काम में लगे रहे परंतु यहाँ भी आपको निराशा हाथ लगी।
भीतरी शहर में होने वाली रैली को प्रशासन पर दबाव बनाकर रद्द करवा दिया
आज फिर भीतरी शहर में होने वाली रैली को आपने प्रशासन पर दबाव बनाकर रद्द करवा दिया।इतना सब करने के बाद भी वर्तमान हालात में आपका उम्मीदवार अभी भी अरविंद सिंह के सामने नहीं टिक पा रहा है। आपके द्वारा बुलायी गयी विधायकों, सभी जिलाध्यक्षों एवं पार्षदों की बैठक यह साबित करती है कि आपका ये चुनाव जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है। आप ने उन लोग को भी फ़ोन किए जिनको आप जानते तक नहीं है या फिर कभी उनका फ़ोन उठाना ज़रूरी नहीं समझा। मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ आपके ये जो सलाहकार है ये आपको तो डुबाएँगे ही साथ ही साथ मारवाड़ के गांधी अशोक गहलोत जी की छवि को भी आमजन में धूमिल करेंगे। मैं अब भी ये सब मानने को तैयार नहीं हूँ कि आप इतने बड़े स्तर के राजनीतिज्ञ होने बाद भी ऐसे लोगों के लिए अपनी प्रतिष्ठा दावँ पर लगा देंगे जिनका कोई स्तर नहीं है और जो कभी किसी के सगे नहीं हुए।
सम्माननीय वैभव जी, आपके पिताजी अशोक गहलोत जी इस राज्य के लोक तांत्रिक रूप से चुने हुए मुखिया है। वे राजनीति में लोक तंत्र की बदौलत ही अपना वजूद रख पाए है लेकिन कल जिस तरह से सार्वजनिक मंच से एक जाति विशेष को टारगेट करके भाषण दिया गया और उस के समर्थन में आपके प्रत्याशी भी मुस्कान फेंक रहे थे। उनकी मुस्कान उनका समर्थन था और अब आपके राज्य में जब यह जातिवाद घटना क्रम घटित हो रहा है तो आपने भी इस मुद्दे पर अपनी जबान सी ली। यह वही प्रत्याशी है जिसके लिए आप सत्ता और प्रशासन को निगल गए। इस तरह के प्रत्याशी का समर्थन करने का सीधा सा मतलब है आप भी कहीं न कही इस तरह की ओछी मानसिकता का समर्थन करते है। आपका इस तरह के अपरिपक्व प्रत्याशी का चुनाव करना आपकी राजनीतिक सोच दर्शाता है।
आज जब भारत की राष्ट्रपति एक आदिवासी महिला है तब भी आपके समर्थित उम्मीदवार के मंच से महिलाओ के विषय में ऐसे अपमान जनक बयान दिए जाते है। यह कितना निंदनीय है कि आपके प्रत्याशी अब भी पितृ सत्तात्मक सोच में उलझे हुए है.उनके लिए नारी सत्ता की भागीदारी नहीं भोग की वस्तु है। आज जब इस सदी में महिला सशक्तिकरण की बाते की जा रही है तो आपका प्रत्याशी ऐसी ओछी मानसिकता दिखा रहा है।
बस आख़िर में इतना ही कहना है ….
“हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं”
बेहतर भविष्य की शुभकामनाओं के साथ धन्यवाद ।