जयपुर 10 नवंबर 2023 । जयपुर के कोटखावदा स्थित गौड़ का बास की गोशाला में इस दीपावली के मौके पर एक अनूठी पहल की गई है। यहाँ पर गोबर और पंचगव्य का उपयोग कर दीपक और अन्य कलाकृतियां निर्मित की जा रही हैं। इस प्रक्रिया से न केवल गोशाला को आर्थिक सहयोग मिल रहा है, बल्कि स्थानीय महिलाएं भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रही हैं।
इन दीपकों की निर्माण प्रक्रिया में पीसे गए गोबर और पंचगव्य का मिश्रण किया जाता है, जिसके बाद उन्हें सांचों की मदद से विभिन्न आकारों में ढाला जाता है। इन दीपकों को सुखाने के बाद उन पर रंग-रोगन किया जाता है, और वे 5 से 15 रुपए के मूल्य में बिक रहे हैं।
इस पहल से जुड़ी महिलाएं प्रतिदिन 200 से 500 रुपए तक कमाई कर पा रही हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मछबूत हो रही है। इस प्रक्रिया के माध्यम से न सिर्फ पर्यावरण की सुरक्षा हो रही है, बल्कि स्थानीय समुदाय को भी सशक्त बनाया जा रहा है।