जयपुर, 11 नवंबर 2023: राजस्थान के मुख्यमंत्री, अशोक गहलोत ने हाल ही में 6 नवंबर को जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के दस्तावेज वेबसाइट पर उपलब्ध होते ही, विरोधियों ने उनपर क्रिमिनल केसों की जानकारी छुपाने का आरोप लगाया। भाजपा के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस संबंध में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को ज्ञापन सौंपा।
गहलोत के खिलाफ दो प्रमुख शिकायतें दर्ज की गईं। पहली शिकायत में, उनपर चंपा देवी चैरिटेबल ट्रस्ट को कम कीमत पर जमीन आवंटित करने का आरोप लगाया गया। दूसरी शिकायत में, रेप के मामले में गलत जांच करने का आरोप शामिल था।
हालांकि, एक्सपर्ट्स के अनुसार, गहलोत का नामांकन खारिज नहीं हो सकता क्योंकि नामांकन में उन्हें केवल पेंडिंग केस की जानकारी देनी होती है, और उनके खिलाफ दोनों मामलों में या तो एफआर लग चुकी है या फिर एफआईआर ही दर्ज नहीं हुई है।
इस मामले में गहलोत ने अपने नामांकन में तीन अन्य एफआईआर का जिक्र किया, जिनमें से एक सोनी हॉस्पिटल को जेडीए द्वारा जमीन आवंटन से संबंधित है।
इसके अलावा, अतीत में भी चुनावी हलफनामों में शिकायतों के मामले सामने आए हैं, जैसे कि बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, और सांसद दीया कुमारी के खिलाफ शिकायतें हुई थीं। इन मामलों में भी अदालती फैसलों में राहत मिली थी।
इस प्रकार, चुनावी हलफनामों और उनमें उल्लिखित जानकारी को लेकर विवाद राजनीतिक दलों के बीच एक सामान्य परंपरा बन चुकी है, और इस मामले में भी अशोक गहलोत के नामांकन पर विवाद के बावजूद उनके चुनाव लड़ने की संभावना प्रबल बनी हुई है।