जयपुर, 29 दिसंबर: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने आज जयपुर में आयोजित दो दिवसीय श्री अन्न सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में किसानों को पारंपरिक गेहूं और धान की खेती से आगे बढ़कर अन्य फसलों की ओर रुख करने की सलाह दी। उन्होंने जोर दिया कि ग्लूटेन-मुक्त और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली मिलेट्स जैसी फसलों को अपनाना चाहिए, जो न केवल स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं, बल्कि जिंक, आयरन, कैल्शियम और पोटेशियम से भरपूर हैं।
उपमुख्यमंत्री ने राजस्थान कृषि अनुसंधान संस्थान, दुर्गापुरा में इस सम्मेलन के महत्व को उजागर करते हुए मधुमेह और मोटापे जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने जिंक और आयरन से भरपूर बाजरा किस्म RHB-233 और RHB-234 के विकास की प्रशंसा की और मिलेट्स के प्रचार-प्रसार पर बल दिया।
इस कार्यक्रम में श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलराज सिंह ने बताया कि प्रदेश में 45 लाख हैक्टर जमीन पर बाजरे की बुवाई होती है और विभिन्न प्रकार के जर्मप्लाज्म का उपयोग कर नई किस्मों का विकास संभव है। उन्होंने पूसा नई दिल्ली के वैज्ञानिकों द्वारा विकसित तकनीक का जिक्र किया जो बाजरे के आटे को तीन महीने तक संरक्षित रख सकती है।
इस अवसर पर डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कृषि कलेण्डर 2024 और मिलेट्स आधारित कृषि फोल्डर का विमोचन किया। उन्होंने मिलेट्स प्रदर्शनी का अवलोकन किया और इसके विभिन्न उत्पादों का स्वाद भी चखा। मिलेट्स एनटरप्रयोन्यर्स से मिलकर उन्होंने उत्पादों की जानकारी प्राप्त की। सम्मेलन में छात्र-छात्राओं द्वारा एक मिलेट्स जनजागरूकता रैली भी निकाली गई।